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कठै ? / सांवर दइया
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चालूं कित्ती क दूर और कठै ?
अंत बिहूणै पथ रो छोर कठै ?
उजास खातर भटकै मन म्हारो
आं काळी रातां री भोर कठै ?
झटकै सूं तोड़ नाखै स्सै जाल
बतावो तो सरी बो जोर कठै ?
थारी-म्हारी न्यारी सांसा नै
बांध लै सागै बा डोर कठै ?
अठै जुगां सूं छांट नै तरसां
कांई करां जे बरसै लोर बठै ?