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थोड़ी देर / बीरेन्द्र कुमार महतो

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आँखों में आँसू मत लाना
बाहर बरसात है,
ये रात गुज़र जाएगी
बस,
थोड़ी देर की बात है,

इंतज़ार में जिनके
रह-रह गुज़ारीं तूने
जीवन की ये घड़ियाँ
आज नहीं तो कल
मिल जाएँगी तुम्हें
वो सारी खुशियाँ,

बस,
थोड़ी देर की बात है,
ज़िन्दगी है बड़ी लम्बी
हिम्मत न हार तू कभी

नतमस्तक हो जब,
करेंगे ये जग वाले
तेरा सम्मान...!
बस,
थोड़ी देर की बात है....!

मूल नागपुरी से अनुवाद : स्वयं कवि द्वारा