Last modified on 29 नवम्बर 2010, at 21:10

जिनको इन राहों में फूल मिले / kumar anil

Kumar anil (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:10, 29 नवम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: <poem>जिनको इन राहों में फूल मिले वो बहार के गीत सुनाते चले जिनके पग म…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जिनको इन राहों में फूल मिले वो बहार के गीत सुनाते चले
जिनके पग में बस खार चुभे, पतझार के गीत सुनाते चले ।
ये जीत के गीत सुनाते चले , वो हार के गीत सुनाते चले ।
हमको तो तुम्हारा प्यार मिला, हम प्यार के गीत सुनाते चले।