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प्रीत रो पानो : 3 / मदन गोपाल लढ़ा
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थारै प्रीत रै पानै में
अजैं लग बाकी है
थारै परस री सौरम।
आखर री आरसी में
म्हैं ओळखूं
थारो उणियारो।
प्रीत रो जूनो पानड़ो
एक इतियास है खुदोखुद में।