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कित्ता भोळा है बै ! / रामस्वरूप किसान

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औरां ज्यूं
हाथ बांध
बां रै
साम्हीं कोनी जावूं म्हैं

दांतरी काढ़
पूंछ कोनी हलावूं

बां रै
फीटै लतीफां पर
राफ छीदी कोनी करूं
काची-पाकी बातां रां
हुंकारा कोनी भरूं

कित्ता भोळा है बै
म्हनैं संकाळू मानै।