भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तारामीरौ / रामस्वरूप किसान

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:30, 3 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामस्वरूप किसान |संग्रह=आ बैठ बात करां / रामस्व…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


च्यार काळां पछै
बरस्यो बेरूतौ
काम आ सकै
किसौ बीज
उतरतै पौ‘-
किरसौ दोगाचीन्ती में पड़ग्यौ-
बीजां रा
न्योरा काढ़या
सगळा ई नटग्या
कणक, चिणां, जौ, सरसूं
पाछा हटग्या

इसै में
छाती ठोक
हांडी सूं
बारै आयौ तारामीरौ
अर देखतां-देखतां
किरसै सारू
माटी में रळग्यौ
अर तीजै ई म्हीनैं
रोटी में बदळग्यौ।