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'इतिहास का अन्त' / कात्यायनी
Kavita Kosh से
'इतिहास का अंत'-- जब वे कहते हैं
उनका मतलब
हमारे सपनों की मृत्यु से होता है।
हमारे सपनॊं की
मृत्यु ही हो सकती है
उनके बीमार वर्तमान की अमरता।
भले ही हो यह
एक असम्भव कल्पना।
इतिहास में दफ़्न हो रहा है
'इतिहास के अंत' का नारा।
हमारे सपने फ़िनिक्स पक्षी हैं-
यह उतना ही बड़ा सच है
जितना यह कि
विचार का अंत स्वयं एक विचार है
और शब्दों के अंत की घोषणा के लिए
ज़रूरत होती है शब्दों की।
सपनों की मृत्यु है
एक मृत्युभयग्रस्त रोगी का
सपना ।
रचनाकाल : जून 1994