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अगस्त की रात / सेरा टीसडेल / लाल्टू

Kavita Kosh से
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बीच ग़र्मियों की रात, तारों से गहराई ख़ौफ़ की रात,
ऐसे जंगल में जहाँ अकेला तारा नहीं देख सकता,
तुम ऐसी पगडण्डी पर ले चले जिसका हर मोड़ तुम्हें पता था,
पर मुझे तो ओस टपकाते देवदारों की गन्ध के सिवा कुछ न पता था
 
मैंने अँधेरा पिया, मैंने ख़ुशबू का शहद पिया,
मैं अपनी ज़िन्दगी से ख़ुश थी, साँसें मीठी-मीठी थीं,
मैंने तुम्हारी आवाज़ सुनी, तुमने कहा, “नीचे देखो, देखो जुगनू!”
मेरे पैरों पर सफ़ेद एक नन्हा तारा, सामने पड़ा था मेरे ही।
 
मानो उसमें हवा भरी गई हमने देखा वह जला और चमका
धरती की सतह पर चलता वह छोटा प्राणी —
"सूरज और तारों को गति देता जो प्रेम"
तुमने दाँते की पंक्ति कही, और कुछ नहीं।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : लाल्टू

और लीजिए अब पढ़िए मूल अँग्रेज़ी में यही कविता
August Night
 
 On a midsummer night, on a night that was eerie with stars,
 In a wood too deep for a single star to look through,
 You led down a path whose turnings you knew in the darkness,
 But the scent of the dew-dripping cedars was all that I knew.
 
 I drank of the darkness, I was fed with the honey of fragrance,
 I was glad of my life, the drawing of breath was sweet;
 I heard your voice, you said, "Look down, see the glow-worm!"
 It was there before me, a small star white at my feet.
 
 We watched while it brightened as though it were breathed on and burning,
 This tiny creature moving over earth's floor---"'
 L'amor che move il sole e l'altre stelle,"
 You said, and no more.