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अच्छा लगता है / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
अच्छा लगता है
अपने हाथों लगाए
पौधों में
पहले-पहल फूल का निकलना
और परियों के देश से आकर
तितलियों का उन पर मंडराना
छींटे गए दानों को चुगना
भरी उमस में
शीतल हवा की
मीठी धौल
बच्चे का पहली बार
‘माँ ‘कहना
नन्हें –सुडौल पैरों से थिरकना
तोतली जुबान
कई दिन की
मगज़मारी के बाद
बना गीत
अच्छा लगता है