ललना नवेली कौं अकेली लखि आंगन में,
औचक गुबिंद ताहि धाय गहिबे लगे।
छुटकी छबीली नैं जु सास कौं बतायौ पास,
चौंकि चकराए बिसमै में बहिबे लगे।
पीठि दै प्रबीनी हंसी, लाल हंसे हिय लाइ,
दोऊ यौं विनोद में समोद बहिबे लगे।
पानीदार प्यारी के कमानीदार नैन 'व्यास'
ऐन मैन मैन की कहानी कहिबे लगे॥