अपनी दिल्ली स्वर्ग बनायें / उर्मिल सत्यभूषण
आओ, आओ संग संग गायें
मिलकर हम सबको समझायें
सभ्य समाज बनाना हमको
नागरिक पाठ पढ़ाना सबको
सिविक सैंस अपना कर हम सभ्यता फैलाये
दिल्ली भारत की राजधानी
सब राज्यों की है महारानी
कूड़ा अलग अलग हैं जाने
नीले, हरे डिब्बे पहचाने
नियमों का पालन कर इसको सुन्दर स्वस्थ बनायें
ज़ोर ज़ोर से न चिल्लायें
हार्न भूल कर भी न बजाये
साऊंड प्रूफ हों बैंक्वट हाल
शोर शराबा दूर भगायें
सुख चैन की हो जिं़दगी लोग भी शांति पायें
मैट्रो से हम चले सफ़र पर
या जायें पैदल ही चलकर
साईकल पर ही रेस लगायें
या कारों का पूल बनायें
सी.एन.जी. या बैटरी द्वारा धुंये से इसे बचाये
री साइक्लिंग धूम मचाये
चीजे़ रूप बदलकर आयें
पत्ते छिलके खाद बनायें
कागज़ जूट के थैले पायें
पौली बैग की छुट्टी करके गोधन वापिस लायें
फैक्टरियां न धंुआ उगलें
जहरीली वायु न बनायें
फैक्टरियों के मालिक चिमनी
पर फिल्टर-लगवायें
हवा शुद्ध हो, पेड़ लगायें, पेड़ न हम कटवायें।