भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अबला / मल्लिका मुखर्जी
Kavita Kosh से
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
नारी
चाहे कितना भी पढ़ ले,
चाहे जितना
आगे बढ़ ले,
सफलता की
कितनी भी सीढ़ियां चढ़ ले,
पर कभी नहीं बन सकती
कठोर
क्यों कि
उसके सीने में धड़कता है
एक दिल कमजोर !
वह समझ नहीं पाती
जीवन का सही गणित ।
देते वक्त
दो और दो पाँच बन जाती है
और
लेते वक्त
दो और दो तीन ही रह जाती है !
तभी तो
कितनी भी बहादुर बने वह,
अबला ही कहलाती है !