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अब / लैंग्स्टन ह्यूज़ / मणिमोहन मेहता
Kavita Kosh से
किस कदर
बोरियत है
हमेशा
ग़रीब बने रहना भी।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : मणि मोहन