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अब मैं कभी नहीं आ पाऊँगा / संजय शाण्डिल्य
Kavita Kosh से
तुमने कहा
आना
मैंने भी कहा
आऊँगा
तुमने मन दाबकर कहा था
आना
मैंने भी मन दाबकर ही कहा था
आऊँगा
तुम जब कह रहे थे
आना
तुम जानते थे
मैं नहीं आऊँगा
मैं भी जब कह रहा था
आऊँगा
मैं जानता था
तुम्हारे पास
अब मैं कभी नहीं आ पाऊँगा ।