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अभेद-भेद / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
किसी खसबू
किसी बदबू
कोनी जाणै पवन !
किस्यो ईंधण
किस्यो चत्रण
कोनी जाणै अगन !
किस्यो अंधेरो
किस्यो सबेरो
कोनी जाणै गगन !
सिसटी अभेद
करै मिनख भेद !