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अमृत निर्झरिणी / ज्योत्स्ना शर्मा
Kavita Kosh से
नए वर्ष में
शिवसंकल्पमयी
तेजस्विनी- सी
दमको तो दामिनी !
ममतामयी
स्नेह- सिक्त धरणी
अनुरागिनी
प्रेममयी शुचिता
सदा अभया
भव- सिन्धु-तरणी
सन्नारी अहो !
निरंजना हो
अमृत निर्झरिणी
नहीं विकल्प
पूर्ण निष्ठा संकल्प
शुभ्र ज्योति -अरणी !!