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अश्क में भी हँसी है-3 / वर्तिका नन्दा
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फ़लासिफ़ा सिर्फ़ इतना ही है कि
असीम नफ़रत
असीम पीड़ा
या असीम प्रेम से
निकलती है
गोली, ग़ाली या फिर
कविता