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अेक सौ चमाळीस / प्रमोद कुमार शर्मा

मोड़ो हुवै मको
झांझरको हुयां कई ताळ हूगी
-गा
भूखी खड़ी है ठाण पर
कोई नीरै-चारै रो इंतजाम करो
मायड़ भाखा है असोक-वाटका मांय
-मिल'र राम-राम करो।