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आँखी में सजलोॅ सपनमां हे भौजी / राजकुमार

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आँखी में सजलोॅ सपनमां हे भौजी
निंदियो नै आवै
असरा में भिजलोॅ नयनमां हे भौजी,
निंदियो नै आवै
तोरोॅ ननदोइया पीरितियो नैं जानै
कुमुद, पपिहरी के बतियो नै जानै
स्वाती बिन चातक परनमां हे भौजीं
निंदियों नै आवै
बरसै बदरबा बिजुरिया निहावै
हमरॉे लहरलोॅ उमरिया सिहावै
टिटही रं टगलोॅ जीवनमां हे भौजी
निंदियों नै आवै
हरियैलोॅ धरती रोॅ हरियैलोॅ मनमां
झिमिर-झिमिर फुहिया में तिलोॅ तपनमां
धरती रोॅ गहना गगनमां हे भौजी
निंदियों नै आवै
अरबा पीरितियो दूअरिया निहारै
नदिया रोॅ पनिया लहरिया निहारै
उचरै छै कागा अँगनमां हे भौजी
...निंदियों नै आवै