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आँख जो देखती है / गगन गिल
Kavita Kosh से
आँख जो देखती है
उसके पीछे क्षितिज है
क्षितिज से कानी आँख एक
घूरती है बराबर
उसे
आँख जिसे देखती है
जो क्षितिज से पहले है
1980