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आउ किछु सुना रहल छी / किसलय कृष्ण
Kavita Kosh से
सुनियौ कने अकानि त' जिनगी सेहो गीत छै।
चिन्हब कठिन संसार में के शत्रु आ के मीत छै।
सम्हरि चलू इजोत मे, ई संकेत थीक अन्हार केर,
जनगण जरै कंसार मे, गद्दी सँ ओकरा प्रीत छै।
कहैय मादक आँखि ई, समय रहैत चेत जाउ,
सभ गली आ बाट मे, किकिया रहल संगीत छै।
बैसल किछु फुरा गेलै, गामक टूटल मचान पर,
उजड़ि गेलै टोले हमर, चौक सेहो भयभीत छै।
जा रहल उतान सन, थिकीह के ई नवयौवना,
बाजल केओ हाट मे, बिल गेट्स के मनमीत छै।
किसलय ककर सम्मान मे, राखल गेल पाग ई,
छत एकर पक्का मुदा, देबाल सभटा भीत छै।