नीली झील में छिपकर
जो चाँद बैठा है
तुम हाथ बढ़ाकर हटा दो पानी
निकाल लाओ मेरे लिए
और पहना दो
कभी कलाइयों में कंगन-सा
कभी कानों में बालियों-सा
बादलों को हटा कर कुछ तारे तोड़ लेना
मेरी पायल में टाँक दो सितारों के घुँघरू
या अँगूठी में मोती-सा जड़ देना
यूँ ही खेलें चाँद तारों से हम तुम
यूँ ही रोके रहें रात
और फिर छोड़ दें इसे
सागर तक बहते दरिया में