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आकाश का एक्सरे / शिवबहादुर सिंह भदौरिया
Kavita Kosh से
धब्बे हैं-बादल
चितकबरे,
तालाब की प्लेट पर
आकाश का-
एक्सरे,
आँखों में रोशनी नहीं
यह बिम्ब कहाँ ठहरे?