भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आजकल प्यार कर रहे हो क्या / अलका मिश्रा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आजकल प्यार कर रहे हो क्या
दिल को बीमार कर रहे हो क्या

हर तरफ़ तुम दिखाई देते हो
ये चमत्कार कर रहे हो क्या

आईना पूछने लगा मुझसे
ख़ुद को बेदार कर रहे हो क्या

शौक़ फूलों का पाल कर ऐ दिल
ज़िन्दगी ख़ार कर रहे हो क्या

तुम तो शर्तों पे प्यार करते हो
कोई व्यापार कर रहे हो क्या