आज भी रोये वन में कोयलिया
चंपा कुञ्ज में आज गुंजन करे भ्रमरा -कुहके पापिया
प्रेम-कुञ्ज भी सूखा हाय!
प्राण -प्रदीप मेरे निहारो हाय!
कहीं बुझ न जाय विरही आओ लौट कर हाय!
तुम्हारा पथ निहारूँ हे प्रिय निशिदिन
माला का फूल हुआ धूल में मलिन
जनम मेरा विफल हुआ
मूल बंगला से अनुवाद : अनामिका घटक