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आदमी बचा रहना चाहे तो / अभिज्ञात
Kavita Kosh से
हां, यह ठीक है
पूजा के दिनों में
आती है याद भगवान की
करता है वह पूजा
वह पूजा करता है
पुजारी कोई न बचे
कोई देवी-देवता ने बचें
अगर आदमी ठीक-ठाक
बचा रहना चाहे तो
जब तक भगवान होंगे
होती रहेंगी पूजाएं
चन्दे के नाम पर
लूट लिया जायेगा उसका पसीना
सरे आम
वह लुटेगा और लुटेरे
उसे लूट की रसीद देंगे
और बनायेंगे उससे-हथियार
हथियार बनेंगे और चलेंगे
वह मारा जायेगा अकस्मात
तरकारी ख़रीदते
उनकी आपसी मुठभेड़ में।