Last modified on 28 मई 2019, at 22:30

आपको कुछ याद नहीं रहता / सुषमा गुप्ता

उसने कहा
तुम्हारा न होना अच्छा है
टीस चबक मारती रहती है
और उससे बचने की जद्दोजहद
मुझे काम में उलझाए रखती है..

उसने ये भी कहा
तुम लौट कर मत आना कभी
पर सुनो!
कभी-कभी मिलना
दर्द का रंग बदलता रहे तो
हर्ज़ ही क्या है ...

उसने ये तक कह डाला
मुझे आदत मत बना लेना
मुझे खुद से बातें करना
ज़्यादा पसंद है
तुमसे शायद न कर पाऊँ
उतनी....

उसने ये नहीं कहा बस
सुनो!!
अब जा रहा हूँ
बस यूँ ही निकल गया
धीरे-धीरे
चुपचाप ...
प्रेम और वक्त की आदतें
एक सी हैं ।