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आपको भी न देरी लगे / कैलाश झा 'किंकर'
Kavita Kosh से
आपको भी न देरी लगे।
हाथ तो कामयाबी लगे॥
वास्तविकता बड़ी चीज़ है
जो लगे आँख देखी लगे॥
सौ से ज़्यादा हुई मौत है
आँख माँ की नदी-सी लगे।
धूप ही धूप है हर तरफ
मौत की धूप नानी लगे।
बेटियाँ सरहदों पर डटीं
आतिशी ज़िन्दगानी लगे
एक "किंकर" से क्या हो भला
सब रहें, शब सुहानी लगे।