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आमीन. / आलोक श्रीवास्तव-१
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पाकिस्तान से दिल का इलाज कराने भारत आई बेबी नूर के नाम।
फिर रात ने रस्ता बदला है
फिर सुबह की चादर फैली है
फिर फूल खिले अरमानों के
फिर आस की ख़ुशबू महकी है
फिर अम्न फ़िजा में गूँजा है
फिर गीत छिड़े उम्मीदों के
फिर साँस मिली कुछ ख़्वाबों को
फिर साज बजे तदबीरों के
ये किसने दुआएँ बांधीं और
बंधन खोले जंज़ीरों के।