भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आमीन / भारत भूषण अग्रवाल
Kavita Kosh से
हम-तुम जिस पर सवार हैं
वह प्यार
चाँदनी-नहाई झील में तिरती नाव नहीं
कि मस्ती में डूब कर डुएट गाएँ-
वह तो ट्रैफ़िक की भीड़ में भागता स्कूटर है
चुपचाप दम साधे पीछे बैठी रहो
यही क्या कम है
कि बिना एक्सीडेंट के हम घर पहुँच जाएँ !
रचनाकाल : 27 सितम्बर 1966