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आम्रपाली / युद्ध / भाग 8 / ज्वाला सांध्यपुष्प

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छोड़े छुरप्र बाण अभिति, कर आलीढ़ आसन।
सोमप्रभ के बाँह बच्चल, बच्चल मग्गह के साजन॥70॥

वत्सदंत तीर छोड़लक, ऊ बीर गोस्साकऽ।
प्रत्यंचा कट भेल निहत्था, ताके इ बघुआकअ॥71॥

फरसा धर फरसुराम सन्, कुदल रथ से अभीति।
घर्र-घर्र करइत आएल बाण, बच्चल ओक्कर नरेट्टिि॥72॥

अजात छोड़ अएलन विशाल, अभीति रक्षा लेल।
यौगिक धनुष से कर्णिक बाण, छोड़लन एक-से-एक॥73॥

होकऽ प्रत्यालीढ़ विशाल, छोड़लन पुरुष बाण।
सोमप्रभ होएल घबइल, छोड़ देलक मैदान॥74॥

नागसेन-चण्डभद्रिक उन्ने, मिलकअ खूब लड़इअ।
नन्द-सुनन्द तलबारो सभ, उ मृत्युगीत गबइअ॥75॥

नागसेन के तलबार, जोर से चलल अइसन।
चण्डभद्रिक के तलबार उ, गङा में जाकऽ गिरल॥76॥

भाला उठा कऽ चण्डभद्रिक, ऊ खिसिआ कऽ दउड़ल।
पल में छोड़ तलबार इ, लेकऽ भाला कूदल॥77॥

भाला-युद्ध इ देख जेन्ना, युधिष्ठिरो लजाइछन।
एक-दोसर के जाङ पर, गोधना उ गोध्इछन॥78॥