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आरक्षण / रामेश्वर नाथ मिश्र 'अनुरोध'
Kavita Kosh से
आरक्षण इस देश की सबसे भारी भूल ।
यह आपस की एकता को काटता समूल ।।
आरक्षण अभिशाप है, आरक्षण है आग ।
दंगों से भी है बुरा, संविधान पर दाग ।।
दावानल-जैसी सखे! आरक्षण की आग ।
आपस के सौहार्द को डसने वाला नाग ।।
यह लालच का रास्ता, महाफूट का बीज ।
यह अक्षमता की सनद, महाअपावन चीज ।।
यह अविनय की अकड़ है, अड़ियलपन है,ऐंठ।
यह अक्षम की धाँधली, सत्ता में घुसपैठ ।