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आल्हा ऊदल / भाग 9 / भोजपुरी

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पड़ल नजरिया है पण्डो के देबी पर पड़ गैलि दिष्ट
रोए पण्डो इन्द्रासन में देबी सुनीं बात हमार
तीन मुलुक के तूँ मालिक देबी काहे रोवव् जार बेजार
तब ललकारे देबी बोली पण्डो सुनीं बात हमार
आइल बेटा जासर के बघ रुदल नाम धराय
सादी माँगे सानवा के वरिअरिया माँगे बियाह
जिब ना बाँचल मोर देबी के पण्डो जान बचाई मोर
एतनी बोली पण्डो सुन गैल पण्डो रोए मोती के लोर
थर- थर काँपें कुल्हि पण्डो देबी सुनीं बात हमार
बरिया राजा बघ रुदल लोहन में बड़ चण्डाल
भार्गल देबी इंद्रासन सें अब ना छूटल प्रान हमार
भागल देबी इन्द्रासन सें नैना गढ़ में गैल बनाय
बावन केवाड़ा का अण्डल में जेह में सोनवा सूति बनाय
लग चरपाइ चानिन के सोनन के पटरी लाग
चारों लौंड़ी चारों बगल में बीचे सानवा सूति बनाय
पान खवसिया पान लगावे केऊ हाथ जोड़ भैल ठाढ़
केऊ तो लौंड़ी जुड़वा खोले केऊ पानी लेहले बाय
ओहि समन्तर देबी पहुँचल सोनवा कन पहुँचल बाय
लै सपनावे रानी के सोनवा सुनीं बात हमार
आइल राजा बघ रुदल फुलवारी में डेरा गिरौले बाय
माँगै बिअहवा जब सोनवा के बरिअरिया माँगैं बियाह