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आस्था / सबीर हका
Kavita Kosh से
मेरे पिता मज़दूर थे
आस्था से भरे हुए इंसान
जब भी वह नमाज़ पढ़ते थे
(अल्लाह) उनके हाथों को देख शर्मिंदा हो जाता था।
अँग्रेज़ी से अनुवाद -- गीत चतुर्वेदी