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आस के एक दिया / मोती बी.ए.
Kavita Kosh से
आस के एक दिया जवने तरे जरत बाटे
दिल के हसरत सजी ओही तरे मरत बाटे
एगो खाहिस रहे त दिल में हम रोलीं गालीं
मजार पर मजार परत दर परत बाटे
अपने हाथे से दिया आके जो बुता देते
एगो हसरत इहे दिल में मरत जियत बाटे
दिल के मालूम बा ई साँप ह रसरी ना ह
जानतो बा तबो ओही के उ धरत बाटे
हमरे जियला में भा मुअला में जब फरक नइखे
मूँगि छाती पर का रहि रहि के ऊ दरत बाटै
16.10.93