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आहो रोठा गुआ हमै किनलाँ / अंगिका लोकगीत
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♦ रचनाकार: अज्ञात
आहो<ref>गाने में प्रयुक्त लयात्म्क ध्वनि विशेष; आ हो; ये हो</ref> रोठा<ref>पान, मिला.-‘बरेठा या बरैठा’=वह स्थान जहाँ पान की खेती होती है</ref> गुआ<ref>कसैली</ref> हमैं<ref>मैंने</ref> किनलाँ<ref>खरीदा</ref>, आँहो नेतलाँ<ref>निमंत्रित किया</ref> कुल परिबार।
आँहो, एजो<ref>आज; यहाँ पर</ref> लालाजी के चुमना<ref>चुमावन</ref>, आँहो एजो भैया जी के चुमना॥1॥
ताधैया<ref>ताताथेई; नृत्य का एक बोल</ref> ताल बजाबे, सभे मिलि राम चुमाबेलऽ<ref>चुमाने के लिए</ref> जैहऽ<ref>जाना</ref>।
राम चुमाओल<ref>चुमाने से</ref> कौने फल पाओल<ref>पाया</ref>, सीता चुमाओल फल पाइबऽ<ref>पाऊँगा</ref>॥2॥
शब्दार्थ
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