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इंछा: 4 / मीठेश निर्मोही
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उम्मीद रै माळां री
मुळक सारू
बणणी चावूं
रूंख
जठै
नचीता होय
वंस बधावै
पांख-पंखेरू
बरसण
भल-भल
आवै मेघ।