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इक्कीस / बिसुआ: फगुआ / सान्त्वना साह

चैत हे सखी कोखिया फुलैलै, छुटलै बँझिनिया के दाग हे
गावै जे सखी सब, सोहिल सोहर, जागलै अयोध्या के भाग हे।

बैसाख हे सखी रङ रङ गहनमा, बेटी लेॅ माय गढ़वाय हे
हमरो पिया जी के दुलरी बहिनिया, डोलिया कहरिया संग जाय हे।

जेठ हे सखी बरसै अगिनमा, खेतवा मेॅ पड़लै दरार हे
सुरजो के गरमी सेॅ, तपी केॅ माटी, उगलै लेॅ सोना तैयार हे।

अषाढ़ हे सखी लुक्खी बनरिया, खोजै मड़ैइया भिनसार हे
ठीक रे दुपहरिया, बाजै डिगरिया, मेघा करै छै गुलजार हे।

सावन हे सखी लक्ष्मी बहिनिया, विष्णु केॅ माँगै बख्शीश हे
रेशम के धागा बानहै, बलि कलइया, जियो भइया कोटि बरिस हे।

भादो हे सखी अठमी अधरतिया, खुली गेलै कारा के केवाड़ हे
झकमक इंजोरिया, सुतलै पहरिया, लल्ला कन्हैया अवतार हे।

आसिन हे सखी घर घर कलसा, नव दुर्गा पूजा बहिन भाय हे
लक्ष्मी सरोसती, कातिक गनपति, दसमी कॅ खोंइचा बिदाय हे।

कातिक हे सखी अबला भगतिा, ठाड़ी छै जल बीच धार हे
कदुआ भात खरना, छठमी उपासा, साजी फल दौरा सूप थार हे।

अगहन हे सखी ऐलै नेमनमा, काटी काटी आनी कच्चा धन हे
ऊखरी मेॅ कूटी छाँटी, बनै पंचामृत, गुड़ चूड़ा मधु दूध सान हे।

पूस हे सखी सुगना सुगनिया, सुन्दर सुबोली के सौगात हे
सपना जे देखलाँ हे प्रभो, ऊँची महलिया, करलाँ पिरितिया के बात हे।

माघ हे सखी ऐलै श्रीपंचमी, आमॅे मंजर अबीर पान हे
पूजै जे चटिया मैया सरोसती, माँगै अभय विद्या दान हे।

फागुन हे सखी मैना ऐंगनमा, शुभ शुभ उचरै छै काग हे
फुल बेलपतिया, खाय परबतिया, भोला के पाबै अनुराग हे।