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इज़्ज़तपुरम्-6 / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
रास्ते वो नहीं
जो भटक जायें
जंगल में
रास्ते वो नहीं
जो फँस जायें
दलदल में
रास्ते / वो भी नहीं
जो लहूलुहान हो गिरें
कंकड़ों और पत्थरों में
पाँवों का
क्रमिक उठना
और बढ़ना
रास्ता नहीं
रास्ते में
दिशा हो
और दशाबोध