भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

इज़्ज़तपुरम्-76 / डी. एम. मिश्र

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बार-बार ठंडी
और फिर-फिर गरमाकर
परोसी गयी
होटल की
जूठी चीज
शानदार
और घर के चौके की
तरोताजी फीकी

चीज सेहतगंद
घरवाली तिरस्कृत
मुँह मारते चटोर
चटपटी के चक्कर में