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इस चित्र में / नरेश चंद्रकर
Kavita Kosh से
इस चित्र में देखो
इसमें सारे घर पड़े हैं उदास!
यह पुल से खड़े होकर देखा गया दृश्य है
यह नदी की छोड़ी हुई जगह पर है
यहाँ पूरी गृहस्थी दिख रही है
उदास घरों की उदास गृहस्थी!
मगर गौर करो
यह चित्र वैसा ही है जैसे
इसे बनाते समय कूँची में रंग नहीं
रंगों का पानी बचा रह गया था!