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उतरतो भादवो / निशान्त
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बिरखा री रूत रा
अै आखरी दिन
दिन नीं
किरसै री किसमस रा लिखारा है
जे अै चावै तो
लिख द्यै
हंसी-खुसी
नीं तो
गम ई गम
आं दिनां री बिरखा
दो फसलां पकावै
पा अै तो
खाली जावै
दिन नीं
किरसै री रगां रो
सत जावै।