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एकता / राधेश्याम चौधरी
Kavita Kosh से
देशॉे केॅ स्वर्ग बनाय केॅ देखाबोॅ
संकल्प लेॅ, आग बढ़ी केॅ देखावोॅ।
पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण मेॅ जश फैलाबोॅ,
देशोॅ रोॅ सौदागर केॅ बतलाबोॅ,
दौलत रोॅ नशा मेॅ नै बहकोॅ,
देशोॅ केॅ सजाबोॅ, संवारोॅ।
शांति, सद्भावना रोॅ दीया जरावोॅ,
सत्य, अहिंसा रोॅ परिभाषा बतलाबोॅ।
आदमी छै छल-कपट, मद मेॅ चूर,
हेकरौं..............समझाबोॅ।
घरोॅ-घरोॅ मेॅ ज्ञान रोॅ दीया जराबोॅ,
हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई रो भेद मिटावोॅ।
आबोॅ सब्भैं मिली केॅ देशोॅ केॅ स्वर्ग बनाबोॅ,
समाज मेॅ एकता रोॅ पाठ पढ़ावोॅ।