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एक प्रेमगीत लिखूँ / ऋषभ देव शर्मा
Kavita Kosh से
एक प्रेम गीत लिखूँ, यौवन के नाम
एक प्रेम गीत लिखूँ, जीवन के नाम
अंबुआ के बौर-बौर झरे रूप–रूप
हरियाई छाँव में अलसाई धूप
एक प्रेमगीत लिखूँ, बेंदी के नाम
एक प्रेम गीत लिखूँ, महँदी के नाम
सूरज ने चूम लिया, संध्या का गाल
रजनी ने फेंक दिया, तारों का जाल
एक प्रेम गीत लिखूँ, झाँझर के नाम
एक प्रेम गीत लिखूँ, चूनर के नाम
प्यार ! लचे अंग–अंग, नचे पोर–पोर
यार ! रचे रास–रंग, सन्यासी मोर
एक प्रेम गीत लिखूँ, काजल के नाम
एक प्रेम गीत लिखूँ, पायल के नाम