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एक प्रेम कविता का सच / लवली गोस्वामी
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					दुखों के कितने ही घाव जब एक साथ टीसते हैं
तब आँखों से अंजुरी भर खारा पानी बहता है
ढ़ाई ग़ज रेशम की चूनर कई इल्लियों की
जीवन भर की मेहनत का नतीजा है 
फूलों की एक बड़ी माला में 
पूरे बगीचे का वसंत कैद होता है 
इसीलिए किसी कवि से कभी यह मत पूछना 
कि वह फिर से प्रेम कविता कब लिखेगा 
प्रेम की एक कविता ताल्लुक़ के 
कई सालों का दस्तावेज़ है।
	
	