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एक बूँद / अशोक शुभदर्शी
Kavita Kosh से
हम्में बही गेलियै
ऊ दिन
बहुत थोड़ोॅ पानी में
एक दिन
हम्में बही गेलियै
एक्के बूँद पानी में
कहियो-कहियो
नै बहावेॅ पारै छै हमरा
पूरा समुद्र भी
ऊ दिन
जबेॅ हम्में बही गेलोॅ छेलियै
एक्के बूँद पानी में
नै भूलेॅ छियै कहियो
ऊ क्षण के ओकरोॅ प्रबाह
बहे लागै छियै
ऊ बहाव केरोॅ यादोॅ में
फेनू सें।