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ए सबद नीं / ओम पुरोहित कागद
Kavita Kosh से
थार
एक सबद नीं
चितराम है
मुरधर में
जूण जातरा रो
इण में
गोख सको
काळ
तिरकाळ
महाकाळ
फगत एक बार
उचार ।