मगही लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कहमाँ से बेटा आएल रे टोनमा।
केकर<ref>किसकी</ref> गली आइ भरमल<ref>भटक गया</ref> रे टोनमा॥1॥
पटना सहरवा से अयलूँ रे टोनमा।
ससुरा गलियवा<ref>गलियों में</ref> में भरमलूँ रे टोनमा।
बाबा, हम ही एकलउता<ref>एकलौता, एकमात्र</ref> बेटा रे टोनमा॥3॥
शब्दार्थ
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