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कहाँ से आ रही है यह / रफ़ीक सूरज

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कहाँ से आ रही है यह झरझर आवाज़
आवाज़ के साथ हनुमान का भेस बनाए यह लड़का
चपटा सीना जितना हो सके उतना फुलाकर
यहाँ-वहाँ भीख माँगते हुए चार-आठ
आनों के लिए उसकी लाचार गदा ऊपर उछलती है
किसी ने फिर दे दिया एकाध केला या एकाध रोटी
तो उसे रखने के लिए
झोली है ही कन्धे पर टँगी!

कोई उसे तस्वीर में खड़ा कर लेता है बीचोंबीच
पहले ही उसकी साभिनय मुद्रा दयनीय
गदा उठाकर मारनेवाली...
कोई बदमाश उसकी गदा ले भागता है और वह
अनुनय करता जाता है उसके पीछे-पीछे
तो कोई उसका मुकुट छीन लेता है
और अपने सिर पर रख लेता है —
ऐसे समय बिना मुकुट, बिना गदा पूँछ वाला हनुमान
अपने कन्धे पर रखे औरों के हाथों के
बोझ तले दबा-दबा
भीड़ के बीचोंबीच, तस्वीर में क्लिक होते हुए!
गोकाक फॉल्स<ref>कर्नाटक का एक मशहूर पर्यटन-स्थल</ref> की यह झरझर आवाज़...

मराठी से हिन्दी में अनुवाद : भारतभूषण तिवारी

शब्दार्थ
<references/>