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कहा कि प्रेम करता हूँ / मुदित श्रीवास्तव
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क्यूँ कह दूँ कि
प्रेम करता हूँ?
तुम भी तो चाँद से
प्रेम करती हो
क्या तुमने कहा उसे कभी?
लेकिन निहारती तो हो
मैनें पेड़ों से जाकर
कभी नहीं कहा
लेकिन गले तो लगाता हूँ उन्हें
चाँद सुनेगा नहीं
पेड़ के भी कान नहीं
प्रेम करता हूँ
कहने के लिए
मुझे मौन चाहिए होगा
और तुम अनसुना कर देना
कि मैंने कहा
प्रेम करता हूँ!
अगर तुम्हें जाताना हो
कि प्रेम करती हो
तो मेरे मौन को थाम लेना
और चलना दूर तक साथ!